Ami's Den
Friday, 7 September 2012
मेरे लिखने की प्रेरणा ,मेरी कविता की कल्पना हो तुम ।
कभी छुपी हो कभी हो गम कौन हो और कैसी हो तुम ।
चेहरा है तेरे दिल में मेरे ,एक धुंधली सी सूरत है तेरी ।
मेरा ख्वाबो की शहजादी ,और जाने क्या क्या हो तुम ..........................
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